
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य योग के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इसे प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में प्रस्तावित किया था। 2025 की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र के उद्घाटन भाषण के दौरान प्रस्तावित किया गया था। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए चुना गया क्योंकि यह ग्रीष्म संक्रांति है, जो उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। यह दिन प्रकृति और मानव कल्याण के बीच प्रतीकात्मक सामंजस्य का प्रतिनिधित्व करता है और कई संस्कृतियों में महत्वपूर्ण है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम:-
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस लगातार 11वीं बार मनाया जा रहा है, इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” है। विषय इस बात पर जोर देता है कि व्यक्तिगत कल्याण और ग्रह स्वास्थ्य अविभाज्य रूप से जुड़े हुए हैं।संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “खुद की देखभाल करने में, हम पृथ्वी की देखभाल करना शुरू करते हैं, जो वसुधैव कुटुंबकम, दुनिया एक परिवार है, के स्थायी भारतीय लोकाचार को दर्शाता है।”
योग क्या है?
- योग शब्द संस्कृत के “युज” (एकजुट होना) से लिया गया है, जो मन और शरीर के सामंजस्य का प्रतीक है।
- इसका प्रमाण मुहरों (पशुपति मुहर पर योग मुद्रा) और जीवाश्मों के माध्यम से सिंधु घाटी सभ्यता में तथा उल्लेख वेदों में भी मिलता है साथ ही इसे पतंजलि के योगसूत्र (दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व) में व्यवस्थित रूप से संकलित किया गया था।
- योग भारतीय दर्शन के षड्दर्शन परंपरा (न्याय, वैशेषिक, सांख्य, मीमांसा, वेदांत के साथ) में से एक है।
- आधुनिक प्रासंगिकता: योग समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह शारीरिक लचीलापन, मानसिक स्पष्टता तथा तनाव से राहत प्रदान करता है। Covid-19 के दौरान मानसिक-सामाजिक पुनर्वास के एक साधन के रूप में इसका उपयोग किया गया। यह आज वैश्विक स्तर पर हठ योग, अष्टांग योग, और अयंगार योग जैसे रूपों में अत्यंत लोकप्रिय है।
- योग से संबंधित भारत की पहल: M-YOGA APP, योग में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम, फिट इंडिया मूवमेंट अभिन्न अंग।