पाठ्यचर्या विकास: शिक्षार्थी केंद्रित दृष्टिकोण (Curriculum Development: Learner-Centered Approach)

 पाठ्यचर्या विकास: शिक्षार्थी केंद्रित दृष्टिकोण

(Curriculum Development: Learner-Centered Approach )


 परिचय (Introduction):

शिक्षार्थी-केंद्रित पाठ्यचर्या (Learner-Centered Curriculum) एक ऐसी शिक्षण प्रणाली है जिसमें विद्यार्थी को शिक्षा की प्रक्रिया का केंद्र माना जाता है। इसमें केवल विषयवस्तु को पढ़ाना ही उद्देश्य नहीं होता, बल्कि विद्यार्थियों को सोचने, समझने, अनुभव करने और सीखने में सक्षम बनाना मुख्य लक्ष्य होता है।

 शिक्षार्थी केंद्रित पाठ्यचर्या की परिभाषा:

“Learner-centered curriculum focuses on the needs, interests, abilities, and learning styles of students and encourages active participation in the learning process.”

 हिंदी में:
शिक्षार्थी-केंद्रित पाठ्यचर्या विद्यार्थियों की आवश्यकताओं, रुचियों, क्षमताओं और अधिगम शैली को ध्यान में रखते हुए बनाई जाती है, जिससे वे अधिगम प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग ले सकें।

 मुख्य उद्देश्य (Main Objectives):

  1. छात्रों में आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास विकसित करना।
  2. समस्या समाधान एवं निर्णय लेने की क्षमता का विकास।
  3. छात्रों को जीवन उपयोगी कौशल सिखाना।
  4. शिक्षा को व्यक्तिगत और प्रासंगिक बनाना।

 मुख्य विशेषताएँ (Main characteristics):

विशेषता विवरण
📚 विद्यार्थी केंद्रित शिक्षा प्रक्रिया का केंद्र बिंदु विद्यार्थी होता है।
🧠 अनुभवात्मक अधिगम छात्रों के अनुभवों से सीखने पर ज़ोर।
🗣️ संवाद और सहभागिता शिक्षक और छात्र के बीच दोतरफा संवाद।
🔍 समस्या आधारित अधिगम रियल-लाइफ समस्याओं के माध्यम से अधिगम।
🧩 प्रोजेक्ट और गतिविधियाँ शिक्षण प्रक्रिया में रचनात्मक कार्यों का समावेश।
🌱 सीखने की लचीलापन सभी स्तरों के छात्रों को ध्यान में रखकर शिक्षण।

 शिक्षक की भूमिका (Role of Teacher):

पारंपरिक भूमिका शिक्षार्थी-केंद्रित भूमिका
ज्ञान का स्रोत सहायक और मार्गदर्शक
आदेश देने वाला सहयोग देने वाला
एकमात्र निर्णयकर्ता निर्णय में विद्यार्थियों की भागीदारी

 उदाहरण (Examples):

  • छात्रों से “आप कैसे सीखना चाहते हैं?” पूछना।
  • सहयोगात्मक प्रोजेक्ट जैसे – पोस्टर बनाना, ड्रामा एक्टिंग, फील्ड वर्क।
  • खोज आधारित अधिगम (Inquiry-Based Learning)

 शिक्षा शास्त्रियों के विचार (Important Thinkers):

शिक्षाविद योगदान
जॉन ड्यूई अनुभव आधारित शिक्षा (Learning by Doing)
ज्याँ पियाजे संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत
वाइगोत्स्की सामाजिक अधिगम का महत्व
कार्ल रोजर्स व्यक्ति-केंद्रित शिक्षण (Person-Centered Learning)

 लाभ (Benefits):

  1. शिक्षा में रुचि और भागीदारी बढ़ती है।
  2. जीवन कौशल का विकास होता है।
  3. रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा।
  4. विद्यार्थी उत्तरदायित्व और निर्णय क्षमता सीखते हैं।

 सीमाएँ (Limitations):

  • शिक्षक को अधिक प्रशिक्षण और तैयारी की आवश्यकता।
  • समय-प्रबंधन की चुनौती।
  • बड़े वर्गों में लागू करना कठिन हो सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

Learner-Centered Curriculum आज के समय की आवश्यकता है, जो छात्रों को सक्रिय, जिम्मेदार, और सृजनात्मक नागरिक बनाती है। यह उन्हें केवल जानकारी नहीं, बल्कि समझ, विश्लेषण और उपयोग की शक्ति प्रदान करती है।

 

 MCQ प्रश्न (For Teaching Exams):

Q1. शिक्षार्थी-केंद्रित पाठ्यचर्या का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A. शिक्षक का नियंत्रण बढ़ाना
B. विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाना
C. परीक्षा पर जोर देना
D. पाठ्यपुस्तक पर आधारित शिक्षा
उत्तर: B

Q2. “Learning by Doing” किस शिक्षाविद् से संबंधित है?
A. स्किनर
B. पियाजे
C. ड्यूई
D. वाइगोत्स्की
उत्तर: C

Q3. शिक्षार्थी-केंद्रित पाठ्यचर्या में शिक्षक की भूमिका क्या होती है?
A. नियंत्रक
B. व्याख्याता
C. मार्गदर्शक
D. निरीक्षक
उत्तर: C

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top