पोषण और संतुलित आहार के कार्य (Functions of Nutrition and Balanced Diet )

पोषण और संतुलित आहार के कार्य

( Functions of Nutrition and Balanced Diet )

1. ऊर्जा प्रदान करना (Providing Energy):

पोषण का सबसे महत्वपूर्ण कार्य शरीर को ऊर्जा प्रदान करना है। हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में कार्बोहाइड्रेट और वसा प्रमुख ऊर्जा स्रोत होते हैं। ये ऊर्जा शारीरिक गतिविधियों (जैसे चलना, बोलना, पढ़ना, खेलना) के साथ-साथ आंतरिक प्रक्रियाओं (जैसे श्वसन, पाचन, रक्त संचार) को सुचारू रूप से चलाने में सहायक होती है।
उदाहरण: एक छात्र को पढ़ाई और खेल दोनों के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो भोजन से प्राप्त होती है।

2. शारीरिक वृद्धि और ऊतकों की मरम्मत (Body Growth and Tissue Repair):

प्रोटीन शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों का निर्माण करता है। जब शरीर में चोट लगती है, ऑपरेशन होता है या नई कोशिकाओं की आवश्यकता होती है, तो प्रोटीन इन ऊतकों की मरम्मत करता है। बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं में यह कार्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि ये शरीर के तीव्र विकास की अवस्था होती है।

3. शरीर की आंतरिक क्रियाओं को नियंत्रित करना (Regulation of Body Functions):

विटामिन और खनिज शरीर की विभिन्न जैविक क्रियाओं को नियंत्रित करते हैं जैसे – एंजाइम सक्रियता, तंत्रिका तंत्र का संचालन, रक्त का थक्का बनना, हार्मोन निर्माण आदि। उदाहरण के लिए, आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक है, जबकि कैल्शियम हड्डियों की मजबूती और मांसपेशियों के संकुचन के लिए आवश्यक होता है।

4. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना (Boosting Immunity):

संतुलित आहार में मौजूद विटामिन C, E, A, और जिंक जैसे पोषक तत्व शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करते हैं। इससे शरीर वायरस, बैक्टीरिया और अन्य रोगजनक जीवों से लड़ने में सक्षम होता है। कमजोर पोषण से बच्चों में बार-बार बीमार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।

5. मानसिक विकास और मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि (Mental Development):

मस्तिष्क को भी पोषण की आवश्यकता होती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड, आयरन, विटामिन B12, और आयोडीन मस्तिष्क के विकास और कार्यप्रणाली को बढ़ाते हैं। इनकी पर्याप्त मात्रा से बच्चों में एकाग्रता, स्मरणशक्ति और सीखने की क्षमता बेहतर होती है।

6. स्वस्थ पाचन और उत्सर्जन प्रक्रिया (Healthy Digestion and Elimination):

रेशा (फाइबर) युक्त भोजन जैसे साबुत अनाज, फल और सब्जियाँ पाचन में सहायता करते हैं और कब्ज की समस्या से बचाते हैं। फाइबर आंतों की सफाई करता है और मल त्याग को नियमित करता है।

7. वजन को नियंत्रित करना (Weight Management):

संतुलित आहार शरीर में वसा की मात्रा को नियंत्रित रखता है और मोटापा या कुपोषण जैसी स्थितियों से बचाता है। इससे व्यक्ति स्वस्थ, सक्रिय और आत्मविश्वासी महसूस करता है।

8. त्वचा, बाल और आँखों का स्वास्थ्य (Skin, Hair, and Eye Health):

विटामिन A, E और C त्वचा को चमकदार, बालों को मजबूत और आँखों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। ज़िंक और बायोटिन भी सौंदर्य और स्वास्थ्य दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

9. गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के लिए विशेष महत्व (Special Role in Pregnancy and Infancy):

गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार से न केवल स्वयं की सेहत बनाए रखने में मदद मिलती है, बल्कि भ्रूण के विकास में भी सहायक होता है। आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम और प्रोटीन गर्भावस्था के दौरान अत्यावश्यक होते हैं।

10. शिक्षा और सीखने में सहायता (Supports Learning and Academic Performance):

जब बच्चे उचित पोषण पाते हैं, तो उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है। इससे वे स्कूल में ज्यादा ध्यान देते हैं, पढ़ाई में रुचि लेते हैं और शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार होता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

पोषण और संतुलित आहार का कार्य केवल पेट भरना नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को संतुलित रखने में सहायक है। यह बच्चों, युवाओं, बुज़ुर्गों, गर्भवती महिलाओं – सभी के लिए जरूरी है। एक B.Ed प्रशिक्षित शिक्षक को इस विषय में ज्ञान होना चाहिए ताकि वह छात्रों को सही पोषण शिक्षा दे सके और उनके सर्वांगीण विकास में सहयोग कर सके।

 

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