विकास की अवधारणा और अधिगम से उसका संबंध
( Concept of Development and Its Relationship with Learning )
विकास की अवधारणा (Concept of Development):
विकास (Development) एक सतत, क्रमिक और व्यवस्थित प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक रूप से परिपक्व होता है। यह जन्म से लेकर मृत्यु तक चलने वाली प्रक्रिया है।
विकास की प्रमुख विशेषताएँ:
- यह सतत प्रक्रिया है – जन्म से मृत्यु तक चलती रहती है।
- यह क्रमबद्ध होती है – एक निश्चित क्रम में घटित होती है।
- यह मल्टी-डायमेंशनल होती है – शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक विकास।
- व्यक्तिगत अंतर – हर व्यक्ति का विकास अलग गति और तरीके से होता है।
- यह वातावरण और अनुवांशिकता दोनों पर निर्भर करता है।
अधिगम की अवधारणा (Concept of Learning)
अधिगम (Learning) एक ऐसा मानसिक एवं व्यवहारिक परिवर्तन है जो अनुभव, अभ्यास और शिक्षण के माध्यम से होता है। यह किसी व्यक्ति के ज्ञान, कौशल, दृष्टिकोण और व्यवहार में परिवर्तन लाता है।
अधिगम की विशेषताएँ:
- अधिगम अनुभव आधारित होता है।
- यह स्थायी परिवर्तन की प्रक्रिया है।
- अधिगम आवश्यकता और प्रेरणा पर आधारित होता है।
- यह वातावरण एवं सामाजिक संदर्भ से प्रभावित होता है।
विकास और अधिगम के बीच संबंध (Relationship between Development and Learning):
विकास | अधिगम | संबंध |
---|---|---|
विकास व्यक्ति की योग्यता और क्षमताओं का विस्तार करता है। | अधिगम व्यक्ति के व्यवहार और ज्ञान को बदलता है। | अधिगम विकास को प्रभावित करता है और विकास अधिगम की तैयारी करता है। |
यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। | यह एक प्राप्त की गई प्रक्रिया है। | अधिगम के लिए एक न्यूनतम विकास स्तर आवश्यक होता है। |
विकास भीतरी (Internal) प्रक्रिया है। | अधिगम बाहरी (External) अनुभवों पर आधारित होता है। | अधिगम विकास को तेज या धीमा कर सकता है। |
विकास-अधिगम संबंध के उदाहरण:
- भाषा विकास पहले होता है, फिर बच्चा भाषा सीखने (अधिगम) में सक्षम होता है।
- संज्ञानात्मक विकास के अनुसार, एक 5 वर्षीय बच्चा जटिल गणित नहीं सीख सकता – उसके मस्तिष्क का विकास उस स्तर पर नहीं पहुँचा है।
- समाजिक विकास होने पर ही बच्चा सहयोग, टीम वर्क आदि का अधिगम कर पाता है।
निष्कर्ष (Conclusion):विकास और अधिगम में घनिष्ठ संबंध है।
विकास अधिगम की पृष्ठभूमि तैयार करता है और अधिगम विकास को दिशा और गति प्रदान करता है। एक शिक्षक के रूप में यह समझना आवश्यक है कि बालक की विकासात्मक अवस्था के अनुरूप ही अधिगम की योजना बनाई जाए।