शिक्षा  मनोविज्ञान की प्रकृति(NATURE OF EDUCATIONAL PSYCHOLOGY)

      शिक्षा  मनोविज्ञान की परिभाषाओं के विश्लेषण से इसका स्वरूप स्पष्ट होता है। इसके स्वरूप या विशेषताओं को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है-

1. शिक्षा-मनोविज्ञान एक व्यवहारपरक विज्ञान है (Educational Psychology is an applied science)—मनोविज्ञान के दो मुख्य प्रकार हैं— (i) सैद्धान्तिक मनोविज्ञान (Theoretical Psychology), (ii) व्यावहारिक मनोविज्ञान (Applied Psychology)।

सैद्धान्तिक मनोविज्ञान का अर्थ मनोविज्ञान की उस शाखा से है, जो व्यक्ति और जीवों के अनुभव एवं व्यवहार का अध्ययन करके सामान्य नियमों का निर्माण करती है। सामान्य मनोविज्ञान (General psychology), असामान्य मनोविज्ञान (Abnormal psychology), बाल मनोविवज्ञान (Child psychology), आदि की गणना इसी शाखा में होती है। दूसरी ओर व्यावहारिक मनोविज्ञान उस शाखा को कहते हैं जो सैद्धान्तिक मनोविज्ञान द्वारा बनाये गये नियमों का उपयोग जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक सफलता या उपयोगिता के लिए करती है। शिक्षा मनोविज्ञान, औद्योगिक मनोविज्ञान (Industrial psychology), आदि की गणना इस शाखा के अन्तर्गत होती है। स्पष्टतः शिक्षा – मनोविज्ञान व्यावहारिक मनोविज्ञान की शाखा है। कारण यह है कि यह मनोवैज्ञानिक सिद्धान्तों का उपयोग शिक्षा के क्षेत्र में करके शिक्षा के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करता है।

2. शिक्षा – मनोविज्ञान एक समर्थक विज्ञान है (Educational Psychology is Positive Science ) — विज्ञान के दो मुख्य प्रकार हैं जिन्हें समर्थक विज्ञान (Positive science) तथा आदर्श सूचक विज्ञान (Normal science) कहते हैं। समर्थक विज्ञान उस विज्ञान को कहते हैं जो किसी विषय का अध्ययन “उसी रूप में करता है जिस रूप में वह होता है इसके विपरीत आदर्श सूचक विज्ञान उस विज्ञान को कहते हैं जो किसी विषय का अध्ययन उस रूप में करता है जिस रूप में उसे होना चाहिए। शिक्षा-मनोविज्ञान वास्तव में किसी विषय का अध्ययन उसी रूप में करता है जिस रूप में वह होता है । अतः यह एक समर्थक विज्ञान है। अपने इस स्वरूप के कारण यह विज्ञान वास्तव में भौतिकी (Physics), रसायनशास्त्र (Chemistry), आदि की श्रेणी में आता है। इस आधार पर यह दर्शनशास्त्र (Philosophy), नैतिकशास्त्र (Ethics), आदि आदर्श सूचक विज्ञान से भिन्न है ।

3. शिक्षा मनोविज्ञान एक सामाजिक विज्ञान है (Educational Psychology is a Social Science)—

शिक्षा-मनोविज्ञान का स्वरूप कुछ ऐसा है कि इसकी गणना आजकल समाज विज्ञान के रूप में भी होने लगी है। समाज विज्ञान (Sociology) तथा मानव विज्ञान (Anthropology) की तरह शिक्षा- मनोविज्ञान भी मानव का अध्ययन करता है तथा बालक के समाजीकरण (Socialization) के विभिन्न पक्षों का आकलन करता है तथा उसको उन्नत बनाने के उपायों (measures) का उल्लेख करता है।

4. शिक्षा मनोविज्ञान का सम्बन्ध बालक के मानसिक विकास से है (Educational Psychology is Concerned with Mental Development of the Child ) – शिक्षा मनोविज्ञान मानव के मानसिक विकास के विभिन्न पक्षों का अध्ययन करने वाला विज्ञान है । बौद्धिक विकास, अभिवृत्ति विकास, आदि के समुचित विकास के लिए शिक्षा-मनोविज्ञान अनुकूल उपायों का सुझाव देते हैं।

5. शिक्षा-मनोविज्ञान बालक के शारीरिक विकास से सम्बन्ध रखता है (Educational Psychology is Concerned with Physical Development of the Child) — शिक्षा – मनोविज्ञान बालकों के शारीरिक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों पर प्रकाश डालता है तथा इसके समुचित विकास का सुझाव देता है।

6. शिक्षा मनोविज्ञान बालक के सामाजिक विकास से सम्बन्ध रखता है (Educational Psychology is Concerned with Social Development of the Child ) – शिक्षा मनोविज्ञान बालक के सामाजिक विकास का अध्ययन करता है। बच्चे सामाजिक या असामाजिक क्यों और कैसे बन जाते हैं ? उन्हें सामाजिक मानव  कैसे बनाया जा सकता है ? इन सारी बातों का अध्ययन यह मनोविज्ञान करता है।

7. शिक्षा-मनोविज्ञान बालक के संवेगात्मक विकास से सम्बन्ध रखता है (Educational Psychology is Concerned with Emotional Development of the Child ) — शिक्षा मनोविज्ञान बालक के संवेगात्मक विकास को प्रभावित करने वाले कारकों को निर्धारित करता है तथा संवेगों के समुचित विकास के उपायों (measures) का सुझाव देता है।

8. शिक्षा-मनोविज्ञान बालक के नैतिक तथा आध्यात्मिक विकास से सम्बन्ध रखता है (Educational Psychology is Concerned with Moral and Spiritual Development of the Child)—शिक्षा-मनोविज्ञान बालक के नैतिक तथा आध्यात्मिक विकास का अध्ययन करता है तथा इसके समुचित विकास का मार्गदर्शन भी करता है । महात्मा गाँधी के अनुसार, बालकों में नैतिकता तथा आध्यात्मिकता को विकसित करना शिक्षा मनोवैज्ञानिकों का एक मुख्य दायित्व है।

9. शिक्षा मनोविज्ञान शिक्षण तथा अध्यापन का विज्ञान है (Educational Psychology is the Science of Learning and Teaching) — स्किनर  के अनुसार, शिक्षा मनोविज्ञान में शिक्षण तथा अध्यापन के विभिन्न पक्षों का अध्ययन किया जाता है। सीखने के अर्थ, इसके प्रकार, इसके सिद्धान्त, प्रभावशाली शिक्षण (effective learning) के निर्धारक, आदि का अध्ययन यह मनोविज्ञान करता है। इसी प्रकार अध्यापन के विभिन्न पहलुओं का भी अध्ययन किया जाता है तथा सफल अध्यापन के उपायों का सुझाव दिया जाता है।

10.शिक्षा-मनोविज्ञान एक बढ़ता हुआ विज्ञान है (Educational Psychology is a Growing Science)—शिक्षा-मनोविज्ञान वास्तव में एक ऐसा विज्ञान है जिसका क्षेत्र निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इसका सम्बन्ध नये शोधों से है । इसके क्षेत्र के अन्तर्गत लगातार नये-नये शोध हो रहे हैं और जैसे-जैसे शोधों के परिणाम (findings) उपलब्ध होते जा रहे हैं शिक्षा मनोवैज्ञानिकों की सूझ बालक के स्वरूप को समझने में बढ़ती जा रही है।इस प्रकार स्पष्ट है कि शिक्षा मनोविज्ञान का स्वरूप काफी व्यपाक तथा जटिल है।

निष्कर्ष: शिक्षा मनोविज्ञान, शिक्षा के क्षेत्र में मनोविज्ञान के सिद्धांतों और विधियों को लागू करके, छात्रों के सीखने के अनुभव को बेहतर बनाने और शिक्षा की प्रभावशीलता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

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