
परिचय:
सुभाष चंद्र बोस भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने “आजाद हिन्द फौज” की स्थापना की और भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने के लिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए। वे नेताजी के नाम से प्रसिद्ध हैं।
- पूरा नाम: सुभाष चंद्र बोस
- जन्म: 23 जनवरी 1897, कटक (ओडिशा)
- पिता: जानकीनाथ बोस (वकील)
- माता: प्रभावती देवी
- भाई: शरत चंद्र बोस (राजनीतिक कार्यकर्ता)
- प्रारंभिक शिक्षा कटक में हुई।
- कलकत्ता विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातक।
- 1919 में इंग्लैंड गए और 1920 में ICS (Indian Civil Services) परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन देशसेवा के लिए नौकरी छोड़ दी
राजनीतिक जीवन:
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए।
- 1938 में हरिपुरा अधिवेशन में कांग्रेस के अध्यक्ष बने।
- 1939 में कांग्रेस से मतभेद के कारण अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया।
आजाद हिन्द फौज (INA) की स्थापना:
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान की मदद से आज़ाद हिन्द फौज (INA) की स्थापना की।
- “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा” – यह उनका प्रसिद्ध नारा था।
- उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया।
प्रमुख नारे:
- “जय हिन्द!”
- “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।”
मृत्यु:
- 18 अगस्त 1945 को ताइवान के ताइहोकू (अब ताइपे) में विमान दुर्घटना में मृत्यु हुई (हालांकि उनकी मृत्यु को लेकर कई विवाद हैं और रहस्य बने हुए हैं)।
योगदान और विरासत:
- उन्होंने भारतीय युवाओं में क्रांतिकारी विचार और देशभक्ति की भावना को प्रज्वलित किया।
- भारत सरकार ने 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ घोषित किया है।
निष्कर्ष:
सुभाष चंद्र बोस एक ऐसे महान नेता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका जीवन साहस, बलिदान और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है। उनका नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया हैI