Author name: DIWAKAR KUMAR PATEL

Health and Physical Education

स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक (Factors Influencing Health)

यहाँ स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक (Factors Influencing Health in Hindi) बी.एड (B.Ed) पाठ्यक्रम के अनुसार सरल और उपयोगी नोट्स के रूप में दिए गए हैं। स्वास्थ्य को कई आंतरिक (Internal) और बाह्य (External) कारक प्रभावित करते हैं। ये कारक व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डालते हैं। […]

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Health and Physical Education

स्वास्थ्य शिक्षा : अवधारणा, उद्देश्य एवं लक्ष्य (Concept, Aims and Objectives of Health Education

स्वास्थ्य शिक्षा : अवधारणा, उद्देश्य एवं लक्ष्य (Concept, Aims and Objectives of Health Education ):- 1. स्वास्थ्य शिक्षा की अवधारणा (Concept of Health Education):- स्वास्थ्य शिक्षा एक ऐसी शैक्षिक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से व्यक्ति को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है ताकि वह स्वस्थ जीवनशैली अपनाए, रोगों से बच सके और संपूर्ण स्वास्थ्य

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Health and Physical Education

स्वास्थ्य शिक्षा (Health Education)

  स्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ (Meaning of Health Education): स्वास्थ्य शिक्षा वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाता है, ताकि वे एक स्वस्थ जीवन शैली अपना सकें और बीमारियों से बचाव कर सकें। सरल शब्दों में:  स्वास्थ्य शिक्षा व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक ज्ञान, जानकारी,

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Health and Physical Education

स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा ( Health and Physical Education )

  स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा का अर्थ:- स्वास्थ्य (Health): स्वास्थ्य केवल रोगों की अनुपस्थिति नहीं है, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक रूप से पूर्ण रूप से स्वस्थ होने की स्थिति है। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार: “स्वास्थ्य एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह से

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B.Ed Notes, Teaching Notes

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व: शिक्षा किसी भी व्यक्ति के समग्र विकास का मूल आधार होती है। यह न केवल ज्ञान अर्जित करने का माध्यम है, बल्कि सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता भी प्रदान करती है। आधुनिक समाज में शिक्षा को केवल एक अधिकार ही नहीं, बल्कि एक आवश्यक आवश्यकता के रूप में देखा जाता

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Latest News, News & Editorials

कांटाटोली फ्लाईओवर में दिखी दरार

रांची: नवनिर्मित कांटाटोली फ्लाइओवर के गार्डवॉल में दरार दिख रही है l पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश से दरार साफ नजर आने लगी हैl  रविवार को फ्लाइओवर में आयी दरार की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गयीl  इसके बाद नगर विकास सचिव सुनील कुमार के निर्देश पर जुडको की टीम

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Current Affairs

23 June 2025 Current Affairs

1.प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहां 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर सबसे बड़े योग समारोह का नेतृत्व किया? A. नई दिल्ली में B. हैदराबाद में C. विशाखापत्तनम में D. अहमदाबाद में 2.हाल ही में होंडा कंपनी ने किस देश में अपने पुन: प्रयोज्य रॉकेट प्रोटोटाइप का सफल परीक्षण किया है? A. भारत B. चीन

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Learning and Teaching

  शिक्षा  मनोविज्ञान की प्रकृति(NATURE OF EDUCATIONAL PSYCHOLOGY)

      शिक्षा  मनोविज्ञान की परिभाषाओं के विश्लेषण से इसका स्वरूप स्पष्ट होता है। इसके स्वरूप या विशेषताओं को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है- 1. शिक्षा-मनोविज्ञान एक व्यवहारपरक विज्ञान है (Educational Psychology is an applied science)—मनोविज्ञान के दो मुख्य प्रकार हैं— (i) सैद्धान्तिक मनोविज्ञान (Theoretical Psychology), (ii) व्यावहारिक मनोविज्ञान (Applied Psychology)। सैद्धान्तिक

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Learning and Teaching

शिक्षा मनोविज्ञान : अवधारणा एवं क्षेत्र[EDUCATIONAL PSYCHOLOGY: CONCEPT AND SCOPE]

 शिक्षा मनोविज्ञान : अवधारणा एवं क्षेत्र (Educational Psychology: Concept and Scope) 🔹 प्रस्तावना: भारत विश्व की सबसे प्राचीन ज्ञान परंपराओं का केंद्र रहा है। यहाँ शिक्षा और मनोविज्ञान की जड़ें वैदिक युग से जुड़ी हुई हैं। प्राचीन जैन ग्रंथों, वेदों, उपनिषदों, स्मृतियों और दर्शन शास्त्रों में शिक्षा और मानव व्यवहार से जुड़ी बातों का विस्तार

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Childhood & Growing up

विकास के सिद्धान्तों का शैक्षिक महत्व (EDUCATIONAL IMPLICATIONS OF THE PRINCIPLES OF DEVELOPMENT)

विकास के उपर्युक्त सिद्धान्तों का शैक्षणिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण स्थान है- 1. विकास की गति और मात्रा सभी बालकों में एक जैसी नहीं पाई जाती। अतः व्यक्तिगत विभिन्नता को ध्यान में रखकर सभी बालकों से एक जैसे विकास की आशा नहीं करनी चाहिए। यदि बालक से अधिक की अपेक्षा की जाएगी तो उसमें अपूर्णता

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Childhood & Growing up

विकास के सिद्धान्त (PRINCIPLES OF DEVELOPMENT)

मनुष्य के विकास की प्रक्रिया गर्भावस्था से ही आरम्भ हो जाती है। गर्भावस्था से आरम्भ हुआ विकास जीवन पर्यन्त निरन्तर चलता रहता है। मनुष्य के अन्दर बहुत-से परिवर्तन अवस्था-परिवर्तन के साथ होते रहते हैं। ये परिवर्तन कुछ निश्चित सिद्धान्तों के अनुरूप होते हैं। व्यक्ति के विकास के अनेक मनोवैज्ञानिक सिद्धान्त हैं। मुख्य सिद्धान्तों का संक्षिप्त

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Teaching Notes

पेट की अम्लीयता को कैसे दूर

इस लेख में हम जानेंगे कि पेट की एसिडिटी को कैसे दूर किया जाए | पेट की अम्लीयता को दूर करने के लिए यहाँ कुछ विस्तृत जानकारी दी गई है: कारण:- पेट की अम्लीयता कई कारणों से हो सकती है, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं: 1. गलत खान-पान 2.तनाव और चिंता 3.अधिक मात्रा में

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